पैसों के निवेश हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव
भारतीय समाज में आज भी अधिकतर लोगों में धन के निवेश को लेकर अल्प ज्ञान ही है.
जिन लोगों के पास धन के नियमित स्रोत हैं, अथवा जिनके पास कहीं से एक मुस्त धन प्राप्त होता है (जैसे रिटायरमेंट के बाद मिला हुआ धन/पैतृक संपत्ति अथवा इन्सुरेंस इत्यादि से प्राप्त हुआ धन) वे अपने धन को सुरक्षित रखते हुए उससे बेहतर लाभ प्राप्त करने हेतु उचित स्थान पर निवेश के मार्ग तलाशते हैं. इस तलाश में उनके सबसे बढे सलाहकार उनके अपने कुछ करीबियों साथी / रिश्तेदार ही होते हैं, और वे उन्हीं की सलाह के अनुसार अपने धन का निवेश करते हैं.
बहुत से लोगों के कुछ रिश्तेदार, अथवा करीबी ऐसे भी होते हैं, जो कुछ बीमा कंपनियों में कमीशन एजेंट के रूप में काम कर रहे होते हैं; ऐसे कमीशन एजेंट हमेशा ऐसे ही लोगों की तलाश में रहते हैं, जिनके पास धन के कोई नए स्रोत बने हों अथवा जिन्हें कहीं से बड़ा धन अचानक प्राप्त हुआ हो. उदाहरण के तौर पर - जिसकी नई नौकरी लगी हो, किसी बीमा का पैसा मिला हो, रिटायरमेंट के उपरान्त फंड इत्यादि का पैसा मिला हो अथवा पैतृक संपत्ति से बड़ा धन प्राप्त हुआ हो इत्यादि.
ये कमीशन एजेंट्स, ऐसे लोगों को अपना आसान शिकार बनाते हैं. वे उन्हें, उनके पैसे पर बहुत बड़ा रिटर्न दिलाने का अक्सर झांसा देकर, उनका सारा पैसा किसी ऐसे स्कीम में निवेश कराते हैं, जिसमें उन्हें व्यक्तिगत रूप से बड़ा कमीशन प्राप्त होता हो. उन्हें इस बात से कोई लेना देना नहीं होता कि निवेश करने वाले व्यक्ति को अच्छा लाभ मिलेगा या नहीं.
सामान्यतः यह देखने में आता है, कि अधिकतर बीमा वाले कमीशन एजेंटों को धन के निवेश का उचित ज्ञान नहीं होता. वे तो केवल अपने बीमा के लक्ष्य पूरे करने के लिए लगे रहते हैं, जिससे उनका अच्छा मुनाफ़ा सुनिश्चित हो. अक्सर इस प्रकार के धन के निवेश पर, निवेशक को बहुत कम मुनाफ़ा मिलता है अथवा कोई भी मुनाफा प्राप्त नहीं होता है.
अतः धन का निवेश ऐसे स्थान पर करना, जहाँ पर निवेशक का धन सुरक्षित भी रहे, और उससे रिटर्न भी अच्छा प्राप्त हो; इस बात की जानकारी होना सभी के लिए आवश्यक है.
इस लेख के द्वारा सामान्य लोगों को धन के निवेश हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं, जो उन्हें उनके धन के निवेश की उचित रणनीति बनाने में, उनका मार्गदर्शन कर सकते हैं.
यहाँ लोगों को उनके धन के निवेश के बारे में ऐसी जानकारी देने की कोशिश की गई है, जिससे उन्हें उनके निवेश से अच्छी आमदनी प्राप्त हो सके और उनका धन भी किसी जोखिम में भी न फंसे.
अपने धन का निवेश कभी भी एक ही मद में, अथवा एक ही प्रकार के क्षेत्र में न करें.
1. (1.) बड़ी मात्रा में एक मुस्त धन - जैसे रु0 50000 से करोड़ों तक के धन का एकमुश्त निवेश :
इसके लिए आप अपने कुछ धन को बैंकों के फिक्स्ड डिपोजिट (F.D.) स्कीम में लगा सकते हैं. विभिन्न बैंकों अथवा पोस्ट ऑफिस के ब्याजों को, इन्टरनेट के माध्यम से अथवा उनकी ब्रांचों में जाकर पता कर लें; फिर अपने धन का निवेश ऐसे बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस की स्कीम में करें जो जहाँ पर आपको अच्छा/सर्वाधिक ब्याज मिल रहा हो.
फिक्स्ड डिपाजिट (FD): इसमें पैसा जमा करने पर – जमा पूंजी पर एक निर्धारित प्रतिशत ब्याज, बैंक/पोस्ट ऑफिस द्वारा जमाकर्ता को दिया जाता है. F.D. के अंतर्गत जमा धन पर ब्याज, पूजी के जमा रखने के समय (Time period of deposit), बैंक/पोस्ट ऑफिस, खाताधारक की उम्र (Senior citizens), एवं फिक्स्ड डिपोजिट की परिपक्क्वता अवधि के अनुसार तय होता है. F.D पर, जमा पूँजी पर सालाना ब्याज लगभग 6 - 7.8 प्रतिशत तक का प्राप्त होता है.
किसान विकास पत्र : यह स्कीम मुख्यतः पोस्ट ऑफिस द्वारा चलाई जाती है इस स्कीम में 9.5 वर्षों तक पैसा जमा करने पर 7.50 % का ब्याज दिया जाता है. यह एक आकर्षक बचत स्कीम है परन्तु पैसे को जमा रखने की समयावधि बहुत लम्बी है. इस स्कीम की अधिक जानकारी निम्न लिंक द्वारा प्राप्त की जा सकती है :-https://www.indiapost.gov.in/Financial/pages/content/post-office-saving-schemes.aspx
यदि जमा पैसे पर हर माह का ब्याज अपने खाते में प्राप्त करना हो : पोस्ट ऑफिस की MIS स्कीम - इसमें 7.4 % का वार्षिक ब्याज दिया जाता है; इस स्कीम में जमा धन पर देय ब्याज का पैसा, प्रत्येक माह, खाताधारक के अकाउंट में स्वतः ही अलग से भेज दिया जाता है. आपके धन से प्रत्येक माह प्राप्त हुए ब्याज के पैसे को आप म्युचुअल फंड्स की एस.आई.पी. में भी निवेश कर सकते हैं अथवा उस पैसे को आप अपने निजी कार्यों हेतु उपयोग में ला सकते हैं.
मान लिया आपने इस स्कीम में 1.00 लाख रु० का निवेश किया है, तो आपके खाते में इस धन के ब्याज के रूप में प्रति माह 616.70 रु० स्वतः ही पोस्ट ऑफिस द्वारा भेज दिए जाते हैं.
परन्तु इसमें पैसा 5 वर्ष के लिए जमा रखना अनिवार्य होता है, एवं अधिकतम जमा धन की सीमा मात्र 15 लाख रूपये तक की ही है. यदि उसके पूर्व पैसे निकाले जाते हैं, तो उसपर अपेक्षाकृत कम ब्याज प्राप्त होता है. इस स्कीम की अधिक जानकारी आप निम्न लिंक से प्राप्त की जा सकती है -
जमीन की खरीद - यदि आपके पास जमीन खरीदने भर का बड़ा पैसा है, तो प्लाट/जमीनों की खरीद की जा सकती है. जमीन की खरीद में एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, कि जमीनें ऐसे स्थानों पर खरीदी जाएँ, जो किसी सड़क के किनारे हो.
सड़कों के किनारे की जमीनों के मूल्य बहुत तेजी से बढ़ते हैं. ऐसी जमीनें खरीदने में तो महंगी होती हैं, परन्तु समय के साथ उनके मूल्यों में वृद्धि भी बहुत तीव्र होती है.
(b) सोने (gold) के रूप में निवेश - अपने धन का निवेश गोल्ड बांड्स अथवा सोने के बिस्कुट/ गोल्ड ब्रिक के खरीद में भी किया जा सकता है.
भौतिक गोल्ड (गोल्ड ब्रिक इत्यादि) घर में रखने से बेहतर होता है, कि उसे बैंकों के लाकर में रखा जाए, जिससे वह चोरी इत्यादि की संभावना से बचा रहे.
2. लगातार आमदनी प्राप्त करने वाले व्यक्ति के लिए - नौकरी वाले व्यक्ति अथवा ऐसे कारोबारी, जिन्हें हर माह नियमित रूप से बचत लायक आमदनी प्राप्त होती हो उन्हें चाहिए कि वे अपने धन का निवेश निम्न स्थानों पर करें -
म्युचुअल फंड्स की एस. आई. पी. (SIP):- अच्छी कंपनी के अच्छे फंड्स में एस.आई.पी. के माध्यम से, लम्बे समय तक धन का लगातार निवेश करने से बहुत अच्छा मुनाफ़ा प्राप्त होने की संभवाना होती है.
मैं यहाँ कुछ म्युचुअल फंड्स के नाम दे रहा हूँ जो अभी तक बहुत अच्छा रिटर्न दे रहे हैं; वे हैं - SBI CONTRA FUND, SBI / AXIS SMALL CAP FUNDS, SBI/ICICI TECHNOLOGY FUND, SBI/ICICI PRUDENTIAL NIFTY 50 INDEX FUND - DIRECT GROWTH, एक्सिस मिड कैप फंड्स etc.
इन फंड्स में रोजाना, साप्ताहिक, अर्धमासिक, मासिक एवं तिमाही पैसों के निवेश करने की सुविधा होती है. व्यक्ति अपनी स्वेक्षा एवं सुविधानुसार धनराशि एवं निवेश का समय (रोजाना / हफ्ते का / महीने का, इत्यादि) चुन सकता है.
उनके चुनाव के अनुसार, पैसे उस व्यक्ति के खाते से कट कर, उस फंड में लगा दिए जाते हैं और फिर फण्ड के प्रदर्शन के अनुसार उनके निवेश की रकम से उन्हें रिटर्न मिलता रहता है.
उपरोक्त बताए गए फंड्स में लम्बी अवधि (5 - 7 वर्ष तक) के निवेश पर सालाना लगभग 15% से अधिक का मुनाफा प्राप्त हुआ है. अपने धन के लगातार निवेश से प्राप्त होने वाली आमदनी की गणना करने के लिये आप https://sipcalculator.in/ वेबसाईट का प्रयोग कर सकते हैं.
म्युचुअल फंड्स में पैसा लगाने के लिए यदि आपके रोजाना दस मिनट का समय दें, तो एक अच्छा निवेश NIFTY 50 INDEX FUNDS में किया जा सकता है.
जो मैं करता हूँ, वह तरीका आपको बता रहा हूँ - मैंने अपने मोबाइल फोन में 2.45 PM का, सोमवार से शुक्रवार का अलार्म लगा रखा है. जब यह अलार्म बजता है तो मैं गूगल पर जाकर NIFTY 50 टाइप करता हूँ फिर सर्च पर क्लिक करता हूँ.
मेरे सामने उस दिन और उस समय का NIFTY 50 का सामान्य चार्ट दिखता है.
जिस दिन बाजार में मुझे गिरावट दिखाई देती है, मैं उसी दिन मैं अपनी क्षमता के अनुसार ICICI PUR NIFTY 50 INDEXT FUND DIRECT GROWTH फंड में पैसा निवेश करता हूँ.
ICICI PRU NIFTY 50 INDEX FUND DIRECT GROWTH फंड की खास बात है कि इसमें कम से कम 100 रूपये का निवेश किया जा सकता है. बाकी किसी अन्य कंपनी के फंड में इतना कम पैसा लगाने की सुविधा शायद ही हो.
जिस दिन बाजार में 50 पाइंट्स से कम की गिरावट होती है, उस दिन मैं इस फंड में कम पैसा लगाता हूँ और जिस दिन इस इंडेक्स (NIFTY 50) में 150 - 200 पॉइंट्स अथवा उससे अधिक की गिरावट देखने को मिलती है, उस दिन मैं अधिक से अधिक पैसा लगाने का प्रयास करता हूँ.
जिस दिन बाजार में तेजी होती है अथवा बाजार में ज़रा भी उछाल रहता है, उस दिन पैसा नहीं लगाता.
इस तकनीकी को अपनाने से इस फंड से सर्वाधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है.
इसके लिए मैंने IPRU APP अपने मोबाइल में डाउनलोड कर रखा और उसी से खरीददारी करता हूँ.
किसी भी सहायता के लिए उनके टोल फ्री नम्बर से तत्काल सहायता भी प्राप्त की जा सकती है.
इस फंड में अथवा किसी भी म्युचुअल फंड् में निवेश, दोपहर तीन बजे से पहले हो जाने पर, उसी दिन की NAV के अनुसार आपका पैसा बाजार में लग जाता है.
इसलिए यह आवश्यक है कि हर हाल में 2:55 PM तक इस फण्ड में खरीददारी कर ली जाए.
आपका पैसा तीन बजे से पहले ही बाजार में लग जाए, उसके लिए आपको चाहिए कि आप पैसे को किसी UPI प्लेटफॉर्म्स से ट्रांसफर करें, उदहारण के तौर पर PHONE PE, PAYTM, BHIM अथवा अन्य भी कोई.
क्यूंकि UPI से पैसा ट्रान्सफर करने पर आपका पैसा तत्काल इन्वेस्टमेंट कंपनी/ICICI PRU/SBI, etc के पास पहुच जाता है, उसमें कोई विलम्ब नहीं होता है.
दूसरे किसी माध्यम से (NEFT/RTGS etc.) ऐसा करने पर, पैसा ट्रान्सफर में देर लग सकती है, जिससे इस बात की संभावना बढ़ जाती है, कि आपका पैसा उसी दिन बाजार में न लग सके.
म्युचुअल फंड्स में किये गए निवेश में से, निवेशक जब चाहे, जितना चाहे (उसके फंड में मौजूद वर्तमान धनराशि की सीमा तक) उतना पैसा निकाल सकता है.
मान लिया, आपके किसी म्युचुअल फंड् में वर्तमान में 5000 रू० हैं, और आपको मात्र 1000 रू० की आवश्यकता है; तो आपको पूरा फंड तोड़ने / बंद करने की आवश्यकता नहीं है.
आप चाहें तो अपने फंड से मात्र 1000 रू० भी निकाल सकते हैं; इससे आपके म्युचुअल फंड् के संचालन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है.
आप अपने म्युचुअल फंड् को जब चाहें तब बंद भी कर सकते हैं, और यह जरूरी नहीं कि फंड को बंद करने के उपरान्त आपको पैसा निकालना ही पड़े. यदि आप चाहें तो आप अपना वह पैसा उसी फंड में लम्बे समय तक छोड़े भी रह सकते हैं. उसमें पड़ा आपका पैसा, उस फंड की परफॉर्मेंस के अनुसार परफार्म करता रहेगा.
अपने म्युचुअल फंड्स से आप SBI म्युचुअल फंड्स में निवेश के लिए आप https://www.sbimf.com/ पर जाकर स्वतः ही सारे कार्य कर सकते हैं. इसके मोबाइल एप भी उपलब्ध हैं जिसका नाम है invesTap.
म्युचुअल फंड्स में निवेश करते समय आपको चाहिए कि आप म्युचुअल फंड्स की SIP के माध्यम से ही निवेश करें. म्युचुअल फंड्स में एक साथ पैसा मात्र तब लगाया जाता है जब शेयर बाजार में बड़ी गिरावट हो. म्युचुअल फंड्स में धन का निवेश लम्बी अवधि के लिए करना ही उचित होता है.
म्युचुअल फंड्स में एक DEBT फंड (डेट फण्ड) भी होता है, जिसमें निवेश हेतु मैं कभी किसी को सुझाव नहीं दूंगा. यदि इस प्रकार के कम जोखिम और कम रिटर्न देने वाले में किसी व्यक्ति को अपना धन निवेश करना हो तो उसे चाहिए कि वह F.D. (फिक्स्ड डिपोजिट) अथवा Recuring deposit (R.D.) द्वारा अपने धन का निवेश करे.
म्युचुअल फंड्स में निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि जिस कंपनी / बैंक के म्युचुअल फंड्स में आप निवेश करना चाह रहे हों, उसमें आपका बैंक खाता हो ही.
आपका खाता किसी भी अन्य बैंक में हो सकता है. म्युचुअल फंड्स लेने के लिए आपको उस कंपनी की वेबसाईट / पोर्टल अथवा उसके मोबाईल एप पर जाना होता है, और वहां मांगे जाने वाले आवश्यक डाक्यूमेंट्स जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर एवं निवेशक की फोटोग्राफ इत्यादि को देना / भरना होता है, और फिर ऑटो वेरिफिकेशन (KYC) के बाद आप उस कंपनी /बैंक के फंड्स में निवेश कर सकते हैं.
सभी म्युचुअल फंड्स वाली कंपनियों / बैंकों के पोर्टल / वेबसाइटो पर कस्टमर संपर्क के नम्बर भी होते हैं जिस पर कॉल करके आवश्यक जानकारियाँ अथवा सुझाव / मदद मांगे जा सकते हैं.
आप यह भी प्रयास करें कि किसी बिचौलिए /दलाल (BROKER) के बिना यह कार्य करें. इसके लिए आपको चाहिए कि आपको जिस भी कम्पनी में निवेश करना हो, उदहारण के तौर पर SBI अथवा ICICI PRUDENTIAL में, तो आप प्रयास करें कि स्वतः से आप यह सारे कार्य अपने घर से ही कर लें, अथवा उस कंपनी के म्यूच्यूअल फंड के ऑफिस में जाकर यह कार्य करें. यहाँ यह भी जानना आवश्यक है, कि इन कंपनियों की बैंकिंग शाखाएं अलग होती है और म्युचुअल फंडस के लिए भिन्न शाखाएं होती हैं.
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप अपना निवेश सीधे (DIRECT) करें, इसमें कोई बिचौलिया न हो.
आप या तो ऐसी कंपनियों (SBI/ICCI) के म्युचुअल फंड्स की इन विशेष शाखाओं पर जाकर अपना यह कार्य कर सकते हैं, अथवा आप इन कंपनियों के मोबाइल एप्पस को अपने फोन में डाउनलोड करके, उनके वेबसाइट पर दिए गए कस्टमर केयर नम्बरों पर बात करके आवश्यक सलाह प्राप्त करके अपना निवेश शुरू कर सकते हैं.
इस प्रकार के निवेश में सतर्कता की भी आवश्यकता होती है. आपको कस्टमर केयर से बात करने में यह ध्यान रखना है कि आप मात्र उनकी वेबसाइट पर दिए गए नम्बरों से ही बात करें.
कई फ्रॉड लोग भी आपका मोबाइल नम्बर हासिल करके, अपने को म्युचुअल फंड्स कम्पनी का प्रतिनिधि बताकर, आपको कॉल करके आपके बैंक इत्यादी की डीटेल्स लेकर आपके साथ फ्रॉड कर सकते हैं.
अतः इस ऑनलाइन / सूचनाओं के बाढ़ के दौर में, हमें और आपको हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता होती है. कभी किसी को अपनी गोपनीय जानकारी जैसे बैंक के ATM / NETBANIKING/ SMS BANKING के पिन अथवा कोई OTP दूसरे को किसी भी सूरत में नहीं बतानी चाहिए.
एक बात और भी ख्याल रखें कि आप अपने सम्पूर्ण धन का निवेश मात्र एक ही क्षेत्र में न करें. कुछ पैसे आपको कुछ म्युचुअल फंड्स में एवं कुछ पैसे FD, RD, गोल्ड बांड्स इत्यादि में भी निवेश करना चाहिए.
निवेश का मुनाफ़ा और जीवन बीमा स्कीम :
धन के निवेश के लिए किसी भी जीवन बीमा पालिसी का चुनाव करने से बचें. जीवन बीमा पालिसी मात्र किसी संभावित जोखिम के कवर के लिए बनाई जाती है, न कि बेहतर मुनाफ़ा देने के लिए.
यदि जीवन बीमा पॉलिसी की बात की जाए, तो इस सम्बन्ध में भी मैं कुछ सुझाव देना चाहूंगा.
यदि किसी व्यक्ति को मात्र 2.00 लाख रुपये तक की जीवन बीमा पालिसी लेनी हो, तो उस व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने बैंक में जाकर “प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना” के तहत जुड़े.
यह बीमा 18 – 50 वर्ष की आयु का कोई भी व्यक्ति ले सकता है. इस योजना में जुड़ने हेतु व्यक्ति के खाते से प्रत्येक वर्ष में एक बार 436 रु० काटे जाते हैं (मात्र 50 वर्ष की आयु तक).
यदि बीमा की अवधि के बीच, बीमित व्यक्ति की किसी भी कारण से मृत्यु हो जाती है, तो उस व्यक्ति पर आश्रित / नामित व्यक्ति को 2.00 लाख रू० का भुगतान किया जाता है.
इस बीमा के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप वेबसाइट पर जा सकते हैं. https://www.bankofbaroda.in/hi-in/personal-banking/insurance/pradhan-mantri-jeevan-jyoti-bima-yojana
दो लाख रू० के ही दुर्घटना बीमा कवर हेतु “प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना” भी बड़ी उपयोगी है.
इस बीमा में सम्मिलित होने के लिए व्यक्ति की आयु 18-40 वर्ष की होनी चाहिए.
इस बीमा को लेने हेतु व्यक्ति के खाते से मात्र 20 रू० सालाना कटते हैं. और मात्र दुर्घटना से बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके आश्रितों को 2.00 लाख रूपये प्रदान किया जाता है. दुर्घटना के कारण होने वाले किसी अंग के नुकसान होने पर व्यक्ति को 1.00 लाख रूपये अंग प्रयत्यर्पण हेतु प्रदान किये जाते हैं.
अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं. https://www.bankofbaroda.in/hi-in/personal-banking/insurance/pradhan-mantri-suraksha-bima-yojana
दो लाख रुपये से अधिक का बीमा लेने के लिए -
दो लाख रुपये से अधिक के जीवन बीमा हेतु किसी भी अच्छी बीमा कंपनी से “ऑनलाइन टर्म इन्सुरेंस” पालिसी खरीद लेना चाहिये. “टर्म इन्सुरेन्स” का प्रीमियम व्यक्ति की उम्र, आमदनी, बीमा की अवधि एवं इन्सुरेंस के कवरेज धनराशि (amount covered) पर निर्भर करता है.
जैसे, यदि किसी व्यक्ति की आयु 25 वर्ष है और उसे 60 वर्ष की आयु तक के लिए 50 लाख रु० का “टर्म इन्सुरेंस” लेना है, तो उसका सालाना प्रीमियम लगभग 5000/ रु० का होता है.
किसी भी प्रकार से बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर, उसके द्वारा नामित व्यक्ति को 50 लाख रूपये का भुगतान किया जाता है.
कई टर्म इन्सुरेंस पालिसी इस प्रकार की भी होती है कि यदि बीमित व्यक्ति, बीमा अवधि के बाद तक जीवित रहता है तो उसने जितने भी पैसे बीमा कंपनी को दिए हुए होते हैं, वह सारा पैसा उसे बीमा अवधि पूर्ण होने के उपरांत वापस दे दिया जाता है.
ऑनलाइन टर्म इन्सुरेंस पालिसी खरीदते समय व्यक्ति को उस कंपनी / पॉलिसी का सैटलमेंट रेशिओ (Settlement ratio) भी देखना चाहिए. जिन बीमा कंपनियों का सैटलमेंट रेशिओ 99% से अधिक का हो, उन्ही से पॉलिसी खरीदनी चाहिए.
सही बीमा कम्पनी के चुनाव के लिए "जिओ फाइनेंसियल सर्विसेज" अथवा "पॉलिसी बाजार" के क्रमशः एप एवं वेबसाईट भी बहुत उपयोगी है.
उपरोक्त बताये गए निवेश के तरीके / मार्ग एवं निवेश स्थान बहुत साधारण एवं अत्यंत उपयोगी हैं.
इसके अतिरिक्त किसी अन्य स्थान पर यदि कोई व्यक्ति आपको निवेश करने का सुझाव देता है, तो आपको निवेश की धनराशि पर मिलने वाले रिटर्न के बारे में भी पुख्ता जानकारी लेनी चाहिए, एवं अपने धन की सुरक्षा का भी आपको ध्यान रखना चाहिए.
Comments
Post a Comment