नर – सिंह अवतार के वैज्ञानिक प्रमाण

 नर – सिंह अवतार के वैज्ञानिक प्रमाण

हमारे भारतीय पौराणिक ग्रंथों में, भगवान विष्णु के `नरसिंह अवतार' का वर्णन मिलता है. नरसिंह अवतार की कथा के अनुसार - भगवान् विष्णु, अपने भक्त `प्रहलाद' की इच्छा पर, `नरसिंग' के रूप में प्रकट होते हैं. 
`नरसिंह' का अर्थ है - एक ऐसा जीव, जिसका सिर `सिंह' (lion) का हो, और शरीर का अधिकांश हिस्सा मनुष्य का हो; जो दो पैरों पर खड़ा होकर चलता हो. भगवान् विष्णु ने यह अवतार, अपने भक्त प्रहलाद के पिता `हिरण्यकश्यप', जोकि घोर अत्याचारी व अनाचारी व्वयक्ति था; उसके वध के लिए लिया था. 
आधुनिक काल में (यदि ईश्वर के प्रति श्रद्धा रखने वाले व्यक्तियों को छोड़ दिया जाए) बहुत सारे लोगों को, ईश्वर के इस रूप (नरसिंह) का अवतरण, एक काल्पनिक घटना लगती है. परन्तु इस धरती पर `नरसिंह' जैसे जीव होने के ठोस वैज्ञानिक साक्ष्य प्राप्त हुए हैं.  
वर्ष 1939 में, जर्मनी में, वैज्ञानिकों को इस प्रकार के जीव होने के प्रमाण मिले हैं. 
वैज्ञानिकों को जर्मनी में एक हाथी दांत की मूर्ती प्राप्त हुई, जोकि लगभग 35000 वर्ष पुरानी है. इस मूर्ति की खोपड़ी `शेर' की है, और बाकी का शरीर `मनुष्य' का है. 
इस मूर्ति के प्राप्त होने के पश्चात के वैज्ञानिक अध्ययनों में, इस बात का पता चला है, कि इस धरती पर इस प्रकार की `मानव प्रजाति' भी मौजूद थी. वैज्ञानिकों ने मनुष्य की इस प्रजाति का नाम - `लायन मैन' (lion Man) रखा है.

  चित्र :  जर्मनी में प्राप्त हुई नरसिंह (LION MAN) की मूर्ति


https://www.britishmuseum.org/blog/lion-man-ice-age-masterpiece


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