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Showing posts from June, 2023

दंगा नियन्त्रण और गुड गवर्नेंस की मिसाल

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वर्ष   2002  में गुजरात में हुए दंगे के कारण “ 1044 ”   लोग मारे गए . वर्ष   2013  में मुजफ्फरनगर में दंगे के कारण “ 62 ” लोग मारे गए . वर्ष   2007 – 2012  के पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश में   “ 364 ”   दंगे हुए जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए . वर्ष   2012 – 2017  के पांच वर्षों के दौरान     उत्तर प्रदेश में  “ 700 ”   बड़े दंगे हुए जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए . उपरोक्त तो मात्र चंद उदाहरण हैं . यदि पूरे भारत की बात की जाए तो यहाँ आजादी के बाद से हजारों दंगें हुए जिसमें कई हजार लोगों की मौतें हुईं , जिनमें कई घर उजड़ गए , कई बच्चे अपने माता पिता खो दिए और कई माता पिता अपने बच्चे खोये .   दंगा प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जन जीवन अस्त - व्यस्त रहा जिससे बहुतों को कई - कई दिनों तक रोजी रोटी के लाले तक पड़ गये . कर्फ्यू बड़ा आम हुआ करता था .   इन सबसे समाज का लगभग हर वर्ग एवं समुदाय परेशान एवं पीड़ित हुआ .   इस प्रकार की परिस्थितियों के पीछे मात्र कमजोर गवर्नेंस

आज उपलब्ध महाभारत अपने वास्तविक स्वरुप में नहीं है

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  महाभारत के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य -   “महाभारत” की रचना महर्षि वेद व्यास ने की थी. वेद व्यास द्वारा रचित “महाभारत” का नाम था – “जया” “जया” में लगभग “8800” श्लोक थे. कालान्तर में “जया” में लिखित श्लोकों की संख्या को बढ़ाकर लगभग “24000” कर दिया गया, जिसका नाम पड़ा “भारत”. कालान्तर में “भारत” (पूर्व का “जया”) के श्लोकों की संख्या को बढ़ाकर लगभग “1.00 लाख” कर दिया गया, जिसका नाम “महाभारत” रखा गया. आखिर समय के साथ – साथ इस काव्य में श्लोकों की संख्या कैसे बढ़ गई  ? ऐसा माना जाता है कि वास्तविक “महाभारत” जिसका नाम “जया” था वह आज सामान्य रूप से कहीं भी उपलब्ध नहीं है. यदि ऐसा है, तो फिर इस उपलब्ध ग्रन्थ में लिखित बातों को यथावत मान लेना उचित प्रतीत नहीं होता. मूल ग्रन्थ में इस प्रकार के छेड़छाड़ से अथवा कुछ लोगों द्वारा उसमें मन मुताबिक परिवर्तन करने से, उस ग्रन्थ की मूल आत्मा गायब हो जाती है. References - ·         https://yoganama.com/mahabharata/#:~:text=Jaya% 20 incidentally% 20 is% 20 the% 20 name,to% 20 be% 20 known% 20 as% 20 Mahabharata . ·         https://www.cs.mcgill

नर – सिंह अवतार के वैज्ञानिक प्रमाण

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  नर – सिंह अवतार के वैज्ञानिक प्रमाण हमारे भारतीय पौराणिक ग्रंथों में, भगवान विष्णु के `नरसिंह अवतार' का वर्णन मिलता है. नरसिंह अवतार की कथा के अनुसार - भगवान् विष्णु, अपने भक्त `प्रहलाद' की इच्छा पर, `नरसिंग' के रूप में प्रकट होते हैं.  `नरसिंह' का अर्थ है - एक ऐसा जीव, जिसका सिर `सिंह' (lion) का हो, और शरीर का अधिकांश हिस्सा मनुष्य का हो; जो दो पैरों पर खड़ा होकर चलता हो. भगवान् विष्णु ने यह अवतार, अपने भक्त प्रहलाद के पिता `हिरण्यकश्यप', जोकि घोर अत्याचारी व अनाचारी व्वयक्ति था; उसके वध के लिए लिया था.  आधुनिक काल में (यदि ईश्वर के प्रति श्रद्धा रखने वाले व्यक्तियों को छोड़ दिया जाए) बहुत सारे लोगों को, ईश्वर के इस रूप (नरसिंह) का अवतरण, एक काल्पनिक घटना लगती है. परन्तु इस धरती पर `नरसिंह' जैसे जीव होने के ठोस वैज्ञानिक साक्ष्य प्राप्त हुए हैं.   वर्ष 1939 में, जर्मनी में, वैज्ञानिकों को इस प्रकार के जीव होने के प्रमाण मिले हैं.  वैज्ञानिकों को जर्मनी में एक हाथी दांत की मूर्ती प्राप्त हुई, जोकि लगभग 35000 वर्ष पुरानी है . इस मूर्ति की खोपड़ी `शेर' की

तथागत गौतम बुद्ध की पत्नियाँ

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  तथागत गौतम बुद्ध की चार पत्नियाँ थीं. प्रतिष्ठा के क्रमानुसार – यशोधरा, गोपा, मनोधरा एवं एक उपपत्नी मुर्गजा. 4 उस काल में राजपरिवारों में बहु विवाह प्रथा प्रचलित थी जिसका कारण था 1. राज वंश का उत्तराधिकारी प्राप्त करने के अवसरों में वृद्धि करना 2. राजवंश की प्रतिष्ठा का प्रदर्शन. 3. सत्ता के काम काज में किसी एक पत्नी के अधिक दखल से बचना. Reference – The essence of Buddha #theessenceofBuddha #lordbuddha #gautambuddha #wivesofgautanbudha #gautambudhawives lord gautam buddha had four wives- Yshodhara Gopa manodhara murgaja #Yshodhara #Gopa #manodhara #murgaja