दंगा नियन्त्रण और गुड गवर्नेंस की मिसाल
वर्ष 2002 में गुजरात में हुए दंगे के कारण “ 1044 ” लोग मारे गए . वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगे के कारण “ 62 ” लोग मारे गए . वर्ष 2007 – 2012 के पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश में “ 364 ” दंगे हुए जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए . वर्ष 2012 – 2017 के पांच वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में “ 700 ” बड़े दंगे हुए जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए . उपरोक्त तो मात्र चंद उदाहरण हैं . यदि पूरे भारत की बात की जाए तो यहाँ आजादी के बाद से हजारों दंगें हुए जिसमें कई हजार लोगों की मौतें हुईं , जिनमें कई घर उजड़ गए , कई बच्चे अपने माता पिता खो दिए और कई माता पिता अपने बच्चे खोये . दंगा प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जन जीवन अस्त - व्यस्त रहा जिससे बहुतों को कई - कई दिनों तक रोजी रोटी के लाले तक पड़ गये . कर्फ्यू बड़ा आम हुआ करता था . इन सबसे समाज का लगभग हर वर्ग एवं समुदाय परेशान एवं पीड़ित हुआ . इस प्रकार की परिस्थितियों के पीछे मात्र कमजोर गवर्नेंस